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वाराणसी में आयोजित 5वीं राष्ट्रीय मास्टर्स खेलप्रतियोगिता में पावर लिफ्टिंग में 55 वर्षीय हंसराज ध्यानी ने जीता स्वर्ण पदक

By Sandhya Kashyap

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Summary

पांवटा साहिब (संजीव कपूर) : सिरमौर जनपद के पांवटा तहसील के सेना से रिटायर्ड 55 वर्षीय हंसराज ध्यानी ने 5वी राष्ट्रीय मास्टर्स खेल प्रतियोगिता में वाराणसी के हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित वेटलिफ्टिंग एवं पॉवर लिफ्टिंग में लगातार चौथी बार स्वर्ण पदक जीत कर सिरमौर का ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश का ...

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पांवटा साहिब (संजीव कपूर) : सिरमौर जनपद के पांवटा तहसील के सेना से रिटायर्ड 55 वर्षीय हंसराज ध्यानी ने 5वी राष्ट्रीय मास्टर्स खेल प्रतियोगिता में वाराणसी के हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित वेटलिफ्टिंग एवं पॉवर लिफ्टिंग में लगातार चौथी बार स्वर्ण पदक जीत कर सिरमौर का ही नहीं बल्कि हिमाचल प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। इसके पहले उन्होंने 2018, 2019, 2020 ,2023 यह पदक जीता जबकि दो साल कोरोना महामारी के चलते यह प्रतियोगिता नहीं हो पाई थी। यह पदक उन्होंने वेटलिफ्टिंग में 67 किलोग्राम वर्ग में एवं पावर लिफ्टिंग 66 किलोग्राम वर्ग में 210 किलो भार उठा कर कायम किया।

यह प्रतियोगिता 11 फरवरी से लेकर 14 फरवरी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित की गई थी। 55 वर्ष की आयु  उन्होंने यह कारनामा पहली बार नहीं बल्कि लगातार चौथी बार किया है। जो साफ संदेश उन नौजवानो के लिए है जो लगातार नशे की तरफ जा रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव मे यह स्वर्ण पदक हासिल करना उनका खेल के प्रति भावना को दर्शाता है। बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती बशर्ते इंसान की इच्छाशक्ति सुदृढ़ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब वो इस उम्र में भी यह मुकाम हासिल कर सकते हैं तो फिर आज का युवा पीढ़ी ऐसा क्यों नहीं कर सकती। उन्होंने बताया कि वो आज भी सुबह 4 बजे उठकर सैर करने जाते हैं और नियमित अभ्यास करते हैं। उनकी इस उपलब्धि से आंज भोज में ही नहीं समूचे सिरमौर में खुशी का माहौल है।

बता दें कि हंसराज ध्यानी मूल रूप में [पांवटा साहिब के निवासी हैं और अभी वर्तमान में वो अपनी सेवाएं आंज भोज के सीनियर सेकेंडरी स्कूल बनोर में बतौर प्रिंसिपल दे रहे हैं। वह 1985 में सेना मे भर्ती हुए और सेना में भी वो अपनी सेवाएं शिक्षा विभाग में देते रहे। 1998 मैं वो सेना से रिटायर हुए और उसके बाद हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में भर्ती हो गए तब से वो लगातार बतौर शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं।