ऊना, 10 जुलाई : प्रदेश में लगातार हो रहे भारी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश राज्य को करोड़ों रूपयों का नुक्सान हुआ है। इस बारे जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि भारी बारिश के चलते हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों के 1007 रूटों पर चलने वाली बसों के रूटों को सस्पेंड किया गया है। जबकि राज्य तथा राज्य से बाहर चलने वाली परिवहन निगम की 452 बसें विभिन्न स्थानों पर बारिश के कारण रूकी हुई हैं। उन्होंने परिवहन निगम के स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि जहां पर भी जोखिम हो वहां पर बसों को न चलाएं तथा बस चालक पूर्णतः एहतियात बरतें ताकि किसी प्रकार का नुक्सान न हो।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में अब तक भारी बारिश के कारण जल शक्ति विभाग की 4833 स्कीमें प्रभावित हो चुकी हैं जिससे 350.15 करोड़ रूपये के नुक्सान का आंकलन किया गया है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर पेयजल स्कीमें नदी, नालों व खड्डो के किनारे होने के चलते प्रभावित हुई हैं। इसके अतिरिक्त सिंचाई, सीवरेंज व बाढ़ नियंत्रण की योजनाओं को भी भारी नुक्सान हुआ है। उन्होंने बताया प्रदेश में कुल 10067 वाटर सप्लाई स्कीमें हैं जिसमें 223.63 करोड़ की 3737 पेयजल आपूर्ति योजनाएं, 85.13 करोड़ रूपये की 983 सिंचाई योजनाएं, 30.70 करोड़ रूपये की सीवरेज़ तथा 10 करोड़ रूपये की 53 बाढ़ नियंत्रण योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।
उन्होंने बताया कि भारी बारिश व बाढ़ में राज्य के लोगों का जानमाल के नुक्सान से बचाव करना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके साथ ही बिजली, पेयजल व अन्य जरूरी सेवाओं को सुचारू रूप से बहाल करने के संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं।
उप मुख्यंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश में लोक निर्माण विभाग को लगभग 250 करोड़ रूपये की क्षति हुई है जिसमें सड़कों व पुलों को भारी नुक्सान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि नदियों में जल का बहाव अत्याधिक होने के कारण पानी सड़कों के ऊपर से होकर बह रहा है। उन्होंने बताया कि ब्यास नदी में आए भारी उफान के चलते कुल्लू के नंगवाई के समीप नदी में फंसे 6 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हो रही लगातार भारी बारिश के कारण विकट परिस्थितियां उत्पन्न होने वाले क्षेत्रों में निगरानी रखी जा रही है। राज्य आपदा प्रबंधन द्वारा बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि ऊना-घालूवाल सड़क मार्ग पर लगभग 60 वर्ष पुराने घालूवाल पुल को वाहनों के यातायात के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस संबंध में उन्होंने इस पुल को नए सिरे से बनाने के लिए एनएचआई के अधिकारियों तथा उपायुक्त ऊना को आवश्यक निर्देश दिए है कि शीघ्र पुल का प्राकलन तैयार कर उच्च स्तर पर भेजें।
उन्होंने कहा कि मुसीबत की इस घड़ी में प्रदेश सरकार लोगों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सभी प्रभावितों को हर संभव सहायता व सुरक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से भी प्रदेश की इस विकट परिस्थिति में सहायता करने का आग्रह किया है।