लोग बोलते हैं-बुड्ढी लगने लगी है, मोटी हो गई है, 40s में आना मेरे लिए बेस्ट रहा, मुझे उम्र ने आजाद कर दिया है
उम्र के साथ ऐक्ट्रेसेस की चुनौतियां भी बढ़ जाती हैं। कई बार इस कारण उन्हें किरदारों के साथ भी समझौता करना पड़ता है। जहां पहले वह ग्लैमरस लेकिन दमदार किरदार निभा रही थीं, वहीं बाद में वह कैरेक्टर या साइड रोल तक ही सीमित रह जाती हैं। लारा दत्ता ने फिल्म इंडस्ट्री में बढ़ती उम्र के साथ ऐक्ट्रेसेस के साथ होते भेदभाव पर बात की है, 43 वर्षीय लारा दत्ता इस वक्त अपनी वेब सीरीज ‘कौन बनेगी शिखरवती’ को लेकर चर्चा बटोर रही हैं। इसमें वह राजकुमारी देवयानी का रोल प्ले कर रही हैं। 40 पार की उम्र में काम करने के अपने एक्सपीरियंस के बारे में लारा दत्ता ने ‘फर्स्टपोस्ट’ को बताया, ‘ईमानदारी से बताऊं तो उम्र ने मुझे आजाद कर दिया है। इसने मुझे उन लोगों की उम्मीदों से एकदम आजाद कर दिया है जो चाहते हैं कि मैं ग्लैमरस रोल करूं क्योंकि मैं पूर्व मिस यूनिवर्स हूं।’
दत्ता ने आगे कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है कि 40s में आना एक ऐक्टर के तौर पर मेरे लिए बेस्ट रहा है। अब लोग मेरी काबिलियत और टैलंट की ओर देख रहे हैं। अब मैं जिस तरह के रोल कर रही हैं, उनमें गहराई है। लेकिन मैं यह भी मानती हूं कि इंडस्ट्री आपके प्रति दयालु नहीं है और वह महिलाओं की ग्रेस के साथ उम्र नहीं
लारा दत्ता ने अपने साथ-साथ काजोल और माधुरी दीक्षित जैसी 40 पार की ऐक्ट्रेसेस का उदाहरण देते हुए बताया कि जब वो पर्दे पर आती हैं तो लोग किस तरह के बेहूदा कॉमेंट करते हैं। लारा दत्ता ने कहा, ‘आपके पास काजोल, माधुरी दीक्षित, रानी मुखर्जी जैसे काबिल लोग हैं। मैं भी हूं। लेकिन जब वो स्क्रीन पर आती हैं तो लोग कॉमेंट पास करते हैं कि ‘अब बुड्ढी लगने लगी है’ या ‘यार अब मोटी हो गई है’। लेकिन आप इसमें कुछ नहीं कर सकते। हर किसी की तरह हमारी भी उम्र बढ़ रही है। मुझे ऐसा लगता है कि ऑडियंस भी हमारी ग्रेसफुली उम्र नहीं बढ़ने देतीं। लेकिन सच कहूं तो जो ऐक्टर्स हमसे पहले इंडस्ट्री में आए वो हमारे लिए रोल दोबारा लिख रहे हैं। नीना गुप्ता, रतना पाठक शाह को देखो। वो हमें इंस्पायर करती हैं। वो बहुत कमाल का काम कर रही हैं।’
बात करें लारा दत्ता की सीरीज ‘कौन बनेगी शिखरवती’ की तो यह ओटीटी पर 7 जनवरी को रिलीज होगी, वह हाल ही ‘हिकअप्स एंड हुकअप्स’ वेबसीरीज में भी नजर आईं।