HomeOnline Quizस्वास्थ्यशिक्षा/नौकरीराजनीतिसंपादकीयबायोग्राफीखेल-कूदमनोरंजनराशिफल/ज्योतिषआर्थिकसाहित्यदेश/विदेश

34वें मठाधीश मेनरी ठिज़िन रिनपोछे ने राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट की

By Sandhya Kashyap

Published on:

Summary

शिमला 16 जनवरी : 34वें मठाधीश मेनरी ठिज़िन रिनपोछे ने आज राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से शिष्टाचार भेंट की। देहरादून स्थित ‘लिशु इन्स्टिट्यूट’ आध्यात्मिक अध्यान संस्थान के अध्यक्ष किन्नौर जिला के गेशे थुबतन ज्ञालछ़न नेगी रिनपोछे तथा ‘युङडुङ बोन मोनस्ट्रिक सेंटर सोसईटी’ धौलांजी के अध्यक्ष गेशे छ़ेवाङ ङोसडुब ...

विस्तार से पढ़ें:

शिमला 16 जनवरी : 34वें मठाधीश मेनरी ठिज़िन रिनपोछे ने आज राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से शिष्टाचार भेंट की। देहरादून स्थित ‘लिशु इन्स्टिट्यूट’ आध्यात्मिक अध्यान संस्थान के अध्यक्ष किन्नौर जिला के गेशे थुबतन ज्ञालछ़न नेगी रिनपोछे तथा ‘युङडुङ बोन मोनस्ट्रिक सेंटर सोसईटी’ धौलांजी के अध्यक्ष गेशे छ़ेवाङ ङोसडुब भी इस अवसर पर उनके साथ थे। 

हिमाचल प्रदेश के धौलांजी में स्थित विश्व प्रसिद्ध बोन धर्म के प्रमुख केन्द्र ‘पल शेनतन मेनरी लिङ’ (मेनरी मोनेस्ट्री) का स्थापना सन् 1967 ई0 में पल शेनतन मेनरी लिङ के 33वें मठाधीश परम पावन लुङर्ताेग तनपई ञिमा रिनपोछे ने ‘युङडुङ बोन धर्म’ के संस्कृति, शिक्षा और ज्ञान के प्रचार-प्रसार तथा संरक्षण के उद्देश्य से किया था । युङडुङ बोन तिब्बत की प्राचीनतम धर्म है, जिसका प्रचार-प्रसार तिब्बत में जङजुङ साम्राज्य में उत्पन्न ‘बुद्ध तोनपा शेनरब मिबोछे’ ने किया था।