उत्तरी कोलकाता के एक सामान्य घर में एक और सुबह आई। बेटी, जो डॉक्टर बनकर अपने माता-पिता को गर्वित कर चुकी थी और आगे की पढ़ाई कर रही थी, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक लंबी ड्यूटी पर थी।
8 अगस्त की रात करीब 11:30 बजे उसने अपनी माँ से फोन पर बात की, जैसे वह हमेशा करती थी। अगर माँ को पता होता कि यह आखिरी कॉल होगी, तो वह जरूर लंबी बात करती।9 अगस्त की सुबह, तीन कॉल्स ने उनके जीवन को बर्बाद कर दिया और न्याय की लड़ाई शुरू कर दी। NDTV ने उन कॉल्स का ऑडियो प्राप्त किया है, जिसमें 31 वर्षीय डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के बाद उसके माता-पिता की शॉक और भ्रम की आवाज़ें सुनी जा सकती हैं।
ये कॉल्स उन बुजुर्ग माता-पिता की स्थिति को दिखाती हैं जिन्होंने अस्पताल पहुँचने से पहले अपनी बेटी की बुरी हालत में लाश देखी।पहली कॉल 10:53 बजे आई, जिसमें एक महिला ने माता-पिता को बताया कि उनकी बेटी की हालत बहुत खराब है और जल्दी आने को कहा। पुलिस की टाइमलाइन में सिर्फ एक कॉल का उल्लेख है, लेकिन ऑडियो में तीन कॉल्स सुनाई देती हैं। दूसरी कॉल में एक पुरुष ने कहा कि माता-पिता अस्पताल आ रहे हैं, लेकिन स्थिति के बारे में कुछ नहीं बताया। तीसरी कॉल में माता-पिता को बताया गया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है।
अस्पताल प्रशासन की संचार प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं, और माता-पिता ने हाई कोर्ट में शिकायत की कि उन्हें तीन घंटे तक इंतजार कराया गया, जिसे वे जानबूझकर की गई देरी मानते हैं।