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विधानसभा शिलाई के सीसे स्कूल कफोटा मे शिक्षकों सहित 8 पद सालों से खाली, कटघरे मे भाजपा की प्रदेश सरकार

By अखण्ड भारत

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26 posts including teachers in Vidhansabha Shillai lead school, Kafota, vacant for years, BJP's state government in the dock

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सीसे स्कूल कफोटा मे खाली पदों का मामला स्थानीय विधायक ने सरकार के सामने नही उठाया, स्कूल के नजदीक पहुँचते ही आ जाती है विधायक साहब को गहरी नीद, इसलिए दिखाई नहीं दिया अभिभावकों का दर्द: अभिभावक

कफोटा: प्रदेश सरकार के विकासात्मक दावों की खोखली पोल शिलाई विधानसभा क्षेत्र में खुलती नजर आ रही है। शिलाई में सरकार ने “आगे दौड़, पीछे छोड़” वाली नीति पर कार्य किया है। जिसके कारण क्षेत्र का भविष्य अंधकार में जाता नजर आ रहा है। पिछले पांच वर्षों से सीनियर सेकेंडरी स्कूल कफोटा में स्टाप न होने के कारण स्कूल राम भरोसे चल रहा है। सरकार सैकड़ों बच्चों का भविष्य जानकर अंधेरे में धकेल रही है और शिक्षा के नाम पर खिलवाड़ करके घरद्वार शिक्षा देने वालें दावे, सरकार के कागजी दावों से अलग कहानी बयां कर रहे है।

हालांकि स्कूल प्रबंधन ने हर महीने रिक्त पदों की डिटेल सरकार को भेजकर पद भरने की गुहार लगाई है। लेकिन विभाग व सरकार को पांच सालों में रिक्त पदों को भरने का समय नहीं मिल पाया है। यहां यह जरूर हुआ है कि, जो कर्मचारी स्थानीय नेताओं का चहेता न बना, उनका तबादला कर दिया गया। इसलिए सीनियर सेकेंडरी स्कूल कफोटा में वर्तमान स्तिथि दयनीय चली हुई है। स्कूल के अंदर पिछले लंबे समय से 5 लेक्चरर, सुपरिटेंडेंट, असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट व प्रिंसिपल सहित लगभग 8 पद खाली चल रहे है। खाली पदों की लंबी फेरिस्त क्षेत्र के प्रति प्रदेश सरकार की नियत और नीति दोनो की कहानी बयां कर रही है।

विधानसभा शिलाई के सीसे स्कूल कफोटा मे शिक्षकों सहित 8 पद सालों से खाली, कटघरे मे भाजपा की प्रदेश सरकार

क्षेत्रीय लोगों सहित एसएमसी प्रबंधन कमेटी कि माने तो प्रदेश सरकार ने क्षेत्रीय बच्चों के साथ सौतेला व्यवहार अपनाया है। दो साल कोरोना संक्रमण के कारण बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाएं। जब स्कूल खुले तो स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक ही नही है। कई बार संबंधित विभाग व सरकार को लिखा गया है। क्षेत्र से संबंधित नेताओं को कई बार समस्या पर अवगत करवाया गया है। लेकिन बच्चों के भविष्य की चिंता किसी को नही है। यदि जल्द स्कूल में खाली पदों को नहीं भरा गया तो क्षेत्रवासी इसका जवाब जल्द सरकार को देने वाले है। प्रदेश की जयराम सरकार केवल बोट बटोरने वाली सरकार है। इसलिए आने वाले चुनाव में सौतेले व्यवहार का बदला जरूर लिया जाएगा।

आश्चर्य इस बात से हो रहा है कि, शिलाई से कांग्रेस समर्थित विधायक हर्षवर्धन चौहान चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे है। हालांकि प्रदेश में सरकार बीजेपी की बनी। लेकिन विपक्ष के विधायक होने के नाते इन्होंने कफोटा स्कूल में खाली पद और क्षेत्र के अभिभावकों का दर्द विधानसभा में कभी नही उठाया। “कफोटा”, हर्षवर्धन चौहान का गृह कस्बा बताया जाता है। और विधायक साहब ने पिछले चुनाव में क्षेत्रवाद का नारा लगाकर यहां से खूब बोट बटोरे थे। हैरत की बात यह हो गई कि हर्षवर्धन चौहान के घर जाने का रास्ता स्कूल परिसर के साथ होकर गुजरता है। और जैसे ही विधायक साहब की गाड़ी स्कूल के आसपास पहुंचती है तो विधायक साहब को कुंभकर्णी नीद आ जाती है। कुंभकर्णी नीद का आलम यह हो गया कि पक्ष-विपक्ष की राजनीति में फंसे स्कूल में पिछले 5 सालों से शिक्षकों के लगभग 8 पद खाली पड़े है।

अब कोन स्कूल में शिक्षकों के पद भरने को लेकर आवाज बुलंद करेंगा और कोन सा नेता स्कूल में शिक्षकों के दर्जनों खाली पदों पर नियुक्तियां करवाएगा यह देखने वाली बात होगी। वर्तमान में सैकड़ों बच्चों के अभिभावकों में स्थानीय नेता व सरकार के प्रति भारी रोष नजर आ रहा है। सीनियर सेकेन्डरी स्कूल कफोटा मे कार्यकारी प्रिन्सिपल सुरेश कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि स्कूल के अंदर खाली पदों की डिटेल हर माह विभाग व सरकार को भेजी जा रही है खाली पदों पर नियुक्तियाँ करना उनके अधिकार क्षेत्र मे नहीं है।

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