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हिमाचल में 2500 डाॅक्टर पैन डाऊन स्ट्राइक पर, अस्पतालों में प्रभावित हुईं स्वास्थ्य सेवाएं

By Sandhya Kashyap

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शिमला  : हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन(एचएमओए) के आहवान पर प्रदेश के डाक्टर्स ने शुक्रवार से डेढ़ घंटे सुबह साढ़े नौ बजे से ग्यारह बजे तक की पेन डाउन स्ट्राइक शुरू कर दी है। स्ट्राइक के चलते मरीजों को सुबह के समय परेशानी का सामना करना पड़ा।

वहीं एसोसिएशन ने स्पष्ट कर दिया है कि मांगें न माने जाने तक यह स्ट्राइक जारी रहेगी। डाक्टर्स की सुबह के समय डेढ़ घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक के चलते मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जो मरीज दूरदराज क्षेत्रों से आते हैं या जिन्होंने पिछले कल चेकअप करवाया था और शुक्रवार को रिपोर्टस डाक्टर्स को दिखानी थी, उन्हें 11 बजे तक डाक्टर्स का ओपीडी में आने के लिए इंतजार करना पड़ा। 

क्या हैं मांगें

स्वास्थ्य निदेशक की सेवानिवृति के बाद स्वास्थ्य निदेशक के पद को अब तक नहीं भरा गया है। स्वास्थ्य निदेशक के पद को संयुक्त निदेशकों में से किसी एक को पदोन्नत करके शीघ्र भरा जाए। हिमाचल चिकित्सक संघ किसी भी चिकित्सक के सेवा विस्तार के विरोध में रहा है। प्रदेश में पहले से ही अधिकांश बेरोजगार युवा चिकित्सक मौजूद है। किसी भी चिकित्सक से सेवा विस्तार देना युवा चिकित्सकों के अविष्य के साथ खिलवाड़ होगा। जिन जिन अधिकारियों की सेवा विस्तार दिया गया है उन्हें शीघ्र ही सेवानिवृत किया जाए।

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अनुबंध पर चयनित चिकित्सकों  का 150 फीसदी मानदेय कुछ चिकित्सकों को नहीं दिया गया है इसे शीघ्र ही एरियर के साथ बहाल किया जाए। नये वेतन आयोग में चिकित्सकों का 4-9-14 का टाइम स्केल रोक दिया गया है इसे शीघ्र बहाल किया जाए। साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्नातकोत्तर भत्ते की देय राशि कई वर्षों से नहीं बढ़ाई गई है इसमें भी शीघ्र वृद्धि की जाए। मेडिकल कॉलेजों में सेवाएं दे रहे फैकल्टी को भी एकेडमिक एलाउंस अभी तक नहीं दिया गया है, इसकी देय राशि तय की जाए।

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एचएमओए के जिला महासचिव डा. उदय सिंह ने बताया कि फरवरी माह में भी संघ ने संयुक्त प्रदेश संघर्ष कमेटी के आह्वान पर संघर्ष का रास्ता अपनाया था, लेकिन अब तक चिकित्सकों की मांगों को नहीं माना गया है। इन सभी मांगों को लेकर सरकार ने एक कमेटी का गठन किया था किंतु अब तक उसका कोई ठोस परिणाम सामने नही आया है।