सिरमौर जनपद के दुर्गम क्षेत्र के गांव बनाड़ सरांहा तहसील पच्छाद की मात्र 22 साल की बेटी नंदिनी जस्सल ने नर्सिंग ऑफिसर बन कर जिले का ही नहीं बल्कि पूरे हिमाचल नाम ऊंचा किया है। साधारण परिवार से सम्बन्ध रखने वाली इस बेटी अपने मेहनत के दम पर यह बता दिया कि अगर इंसान मेहनत करें तो वह किसी भी मंजिल को पा सकता है। नंदनी के पिता मदन सिंह जस्सल शिक्षा विभाग CHT के पद पर कार्यरत हैं जबकि माता चंदा देवी एक कुशल गृहणी है।
नंदनी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सीनियर सेकेंडरी स्कूल सरांहा से पूरी की। उसके बाद अपनी आगामी शिक्षा के लिए उन्होंने स्नातक (बीएससी नर्सिंग): अकाल कॉलेज ऑफ नर्सिंग बड़ू साहिब, से पूरा किया। उसके बाद सेल्फ स्टडी घर पर ही करके घर से ही इस उपलब्धि को प्राप्त किया है जो कि अमूमन संभव नहीं हो पाता है। AIIMS पटना में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर नियुक्ति मिली है। उनकी इस उपलब्धि के बाद सिरमौर जिले में खुशी की लहर है।
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अखंड भारत से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होने यह सब बिना किसी कोचिंग के बाद किया है हालांकि उनका पहला प्रयास असफल रहा था लेकिन उनके मन में इस बात ने उनको दूसरे प्रयास के लिए प्रेरित किया कि हार नहीं माननी चाहिए, बल्कि दोबारा प्रयास करना चाहिए। और अगर प्रयास किया जाए तो आत्मविश्वास और मेहनत से कुछ भी संभव है।
उन्होंने अपनी कामयाबी का श्रेय अपने परिवार और शिक्षकों को दिया जिनके अथक प्रयासों से यह सब कुछ संभव हो पाया है।