हमीरपुर : भदरूं गांव में 10 साल की बच्ची का शव मिलने से सनसनी फैल गई। बच्ची का शव उसी कमरे में मिला जहां वह अपने माता-पिता के साथ रहती थी। घटना का पता तब चला जब शाम को उसके माता-पिता मजदूरी करके लौटे। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची नादौन पुलिस ने बच्ची की डेडबॉडी अपने कब्जे में ले ली। शव को पोस्टमार्टम के लिए हमीरपुर मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया। बच्ची की मौत कैसे हुई? इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा।
बिहार में दरभंगा जिले के जगदीशपुरा गांव का शंभू राम लंबे अर्से से अपने परिवार के साथ हिमाचल के भदरूं गांव में किराए के मकान में रह रहा था। शंभू राम और उसकी पत्नी इलाके में मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। इन दोनों की 3 बेटियां और एक बेटा है।
शंभू राम 23 जनवरी को रोजाना की तरह अपनी पत्नी के साथ काम पर गया था। जाते समय दोनों अपनी 8 साल की बेटी को साथ ले गए। उनकी 10 साल की बेटी लक्ष्मी और एक साल के बेटे को वह कमरे पर ही छोड़ गए। पति-पत्नी शाम को वापस लौटे तो कमरे में अंधेरा था और दरवाजा खुला पड़ा था।
शंभू राम ने जब कमरे के अंदर जाकर लाइट जलाई तो देखा कि लक्ष्मी जमीन पर पड़ी थी और उनका एक साल का बेटा कमरे में सो रहा था। बेटी के शरीर में हलचल नहीं देखकर शंभू राम ने शोर मचाया तो आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। इसी दौरान किसी ने पुलिस को भी सूचना दे दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे का मुआयना कर परिवार के बयान कलमबद्ध किए।
मौके पर आए जिला परिषद सदस्य संजय कुमार, पंचायत प्रधान रणजीत सिंह, उपप्रधान संजय कुमार, रजनीश, अश्वनी कुमार, सुरेंद्र कुमार आदि ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि इस सारे मामले की निष्पक्षता के साथ जांच की जाए। यदि यह हत्या का मामला है तो दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 10 साल की लक्ष्मी के गले पर रस्सी का निशान लग रहा है जिससे यह मामला हत्या का लगता है। हमीरपुर की SP डॉ. आकृति शर्मा ने बताया कि बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए हमीरपुर मेडिकल कॉलेज भेज दिया है। मामला दर्ज करके हर एंगल से छानबीन की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के असली कारणों का पता चल पाएगा।