हिमाचल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा पर जमकर साधा निशाना
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा करने वाले कांग्रेस के अयोग्य घोषित छह विधायक सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो, रवि ठाकुर, इंद्रदत्त लखनपाल, चैतन्य शर्मा और तीन निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर, होशियार सिंह और आशीष शर्मा शुक्रवार को उत्तराखंड के ऋषिकेश पहुंच गए। ये सभी विशेष चार्टर्ड विमान से जौलीग्रांट स्थित देहरादून हवाई अड्डे पर उतरे और यहां से किसी अज्ञात स्थान के लिए रवाना हो गए।
सूत्रों के मुताबिक, इन सभी विधायकों के ऋषिकेश से करीब 30 किमी दूर स्थित एक बड़े समूह के होटल में ठहरने की सूचना है।
शिफ्ट किए गए कांग्रेस के बागी विधायकों में इंद्रदत्त लखनपाल, सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, चैतन्य शर्मा व देवेंद्र भुट्टो शामिल हैं। वहीं निर्दलीय विधायकों में होशियार सिंह, केएल ठाकुर व आशीष शर्मा शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के बागियों ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया था। इस कारण प्रदेश में कांग्रेस सरकार का बहुमत होते हुए भाजपा प्रत्याशी की चुनाव में जीत हुई।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने भी इसे लेकर प्रतिक्रिया दी। दोपहर के वक्त मंडी में मीडिया के साथ बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि आज प्रदेश का वातावरण ऐसा हो चुका है कि विधायक CRPF के कब्जे में थे। नौ दिन से वो ललित होटल में ठहरे हुए थे।
CM सुक्खू का बीजेपी पर निशाना
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “आज ही हमें पता लगा कि चार्टड प्लेन में उन्हें ले जाया गया है. जो विधायक हमारे यहां से गए हैं। छह कांग्रेस और तीन निर्दलीय विधायक हैं। उन पर क्या बीत रही होगी, क्या दर्द उनके सीने में होगा, क्या पीड़ा उनके मन में होगी. क्योंकि वो जानते हैं कि हमने गलत किया है। लोकतंत्र को कमजोर किया है.
“सीएम ने आगे कहा, “मैं यह भी जानता हूं कि ये जब बाहर आएंगे तो इनके मन में ये पीड़ा और पछतावा हमेशा होगा कि हमने कांग्रेस की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश की। बीजेपी ने कभी भी प्रदेश के हित नहीं देखा है, वो सिर्फ हित की बात करते है।
इस ताजा घटनाक्रम से हिमाचल प्रदेश में फिर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में क्राॅस वोटिंग करने के बाद से सभी नेता शिमला से पंचकूला चले गए थे। बजट सत्र के लिए सीआरपीएफ की सुरक्षा में 28 फरवरी को विधानसभा शिमला आने के बाद दोबारा पंचकूला लौट गए थे। 28 फरवरी के बाद से ये हिमाचल नहीं लौटे हैं।
सूत्रों का कहना है कि यहां से वे किसी अन्य अज्ञात स्थान पर भी जा सकते हैं। बागी विधायकों के साथ दो भाजपा विधायक भी बताए जा रहे हैं। कयास तो यहां तक लगाए जा रहे हैं कि बागी विधायकों की उत्तराखंड भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात भी हुई है।
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने बजट पारित होने के दौरान मौजूद नहीं रहने पर कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। अध्यक्ष के इस फैसले के खिलाफ इन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है। अगले सप्ताह बागियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस के साथ भाजपा की भी नजर है।
सूत्रों ने बताया कि दोनों दलों ने विकल्प को लेकर अपनी योजनाएं तैयार रखी हैं। विधायकों को अयोग्य घोषित करने के फैसले पर रोक लगने या विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर मोहर लगने के बाद किस प्रकार से आगामी कदम उठाए जाएंगे, इसकाे लेकर भाजपा और कांग्रेस ने भी रणनीति तैयार कर ली है।
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