हिमाचल के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार तीन दिनों से बर्फबारी जारी है। राज्य में मंगलवार तक भारी बर्फबारी से चार नेशनल हाईवे और 228 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं। लाहौल-स्पीति जिले में 165 सड़कें ठप पड़ी हैं। चंबा में 77 सड़कों पर आवाजाही प्रभावित है। इसी तरह राज्य में 661 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़ने से कई इलाकों में अंधेरा पसरा है। 33 पेयजल आपूर्ति स्कीमें भी बाधित चल रही हैं। जिला कुल्लू और जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति में तीन दिनों से बर्फबारी का दौर जारी है। भारी बर्फबारी से लाहौल घाटी देश-दुनिया से कट गई है।
पुलिस के अनुसार धुंधी क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण सड़क पर लगभग 4.5 फुट बर्फ जमा हो गई है और सड़क की स्थिति किसी भी प्रकार के वाहनों के चलने के लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए पर्यटकों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नेहरू कुंड से सोलंग बैरियर की ओर सामान्य वाहनों की आवाजाही बंद है। जब तक सड़क की स्थिति सही नहीं हो जाती, तब तक केवल फोर बाई फोर वाहनों को सोलंग बैरियर तक जाने की अनुमति दी जा रही है।
रोहतांग दर्रा पर पांच फुट हिमपात होने का अनुमान है। जबकि कोकसर में 70, अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल पर 60, सिस्सू 60, गोंधला व तांदी 60, दारचा 45, टनल के साउथ पोर्टल में 100, सोलंनगाला 40 और जलोड़ी दर्रा में 20 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है। वहीं, जिला कुल्लू व लाहौल की चंद्राघाटी में रविवार रात से बिजली गुल है। लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन ने हिमखंड गिरने की आशंका जताई है। किन्नौर जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी ताजा हिमपात हुआ है। राज्य की राजधानी शिमला में बीती रात जमकर बारिश हुई।
21 फरवरी को येलो अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से मंगलवार को भी प्रदेश के चंबा, कुल्लू व लाहौल-स्पीति जिले में भारी बारिश-बर्फबारी का ऑरेंज जारी किया गया है। इसके साथ ही कई क्षेत्रों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अलर्ट है। 21 के लिए अंधड़ व बिजली चमकने का येलो अलर्ट जारी हुआ है। 22 फरवरी को भी प्रदेश में बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में 24 फरवरी तक मौसम खराब रहने की संभावना है। हालांकि, 26 फरवरी को मध्य पर्वतीय व मैदानी भागों में भी बारिश का पूर्वानुमान है। वहीं, राजधानी शिमला में आज धूप खिलने के साथ हल्के बादल छाए रहे।
बर्फीले तूफान की चपेट में लाहौल-स्पीति, हिमस्खलन का बढ़ा खतरा
लाहौल-स्पीति बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया है। घाटी में तीसरे दिन भी हिमपात का क्रम जारी रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में अढ़ाई से तीन फुट हिमपात हो चुका है। जनजीवन अस्त-व्यस्त है। अधिकतर दूर दराज के क्षेत्रों में बिजली गुल हो गई है। संचार व्यवस्था भी कही-कही ठप्प है। पानी जमने से पेयजल की भी किल्लत गहरा गई है। बर्फीले तूफान के चलते ग्रामीण घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। हिमपात के चलते बने खतरे को देखते हुए ग्रामीण घरों की छतों से बर्फ हटाने में जुट गए हैं। फागली के चलते अपने रिश्तेदारों के घर गए लोग भारी हिमपात के चलते वहीं फंस गए हैं।
घाटी में 2 दिन से सभी छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही बन्द है। दूसरी ओर घाटी में 3 फुट से अधिक बर्फ पड़ने से जगह-जगह हिमस्खलन का भी खतरा बढ़ गया है। लाहौल-स्पीति प्रशासन ने लोगों को घरों से न निकलने की सलाह दी है। कोकसर, सिस्सू, गोंदला, तांदी, योचे, छीका, रारिक, दारचा जिस्पा, प्यूकर, केलंग, मालंग, मारबल, रापे, राशेल, कीर्तिंग, जाहलमा, थिरोट, सिंदवादी, नेंनगहर, गवाडी, चौखंग व उदयपुर सहित समस्त मायड़ घाटी में गत दिनों से भारी हिमपात हो रहा है। डीसी राहुल कुमार ने घाटी वासियों से आग्रह किया कि मौसम साफ होने तक घरों से बाहर न निकलें। भारी हिमपात से हिमस्खलन की आशंका भी बढ़ गई है इसलिए हिमस्खलन वाले क्षेत्रों में न जाएं और सतर्क रहें।
मौसम : रेड अलर्ट के बीच हिमाचल में भारी बर्फबारी, अटल टनल रोहतांग बंद https://rb.gy/83l9jw