भ्रष्टाचारी व कामचोर अधिकारीयों को सरकार नही देगी तवज्जो
शिमला. विधानसभा सत्र के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बड़ा प्रशासनिक फेरबदल कर सकते हैं। जिसके संकेत मुख्यमंत्री ने पहले ही दिए थे कि जो अफसर काम नहीं करेंगे, उनसे जवाब तलबी के साथ तबादला भी होगा। जिससे अब तय है कि सत्र की समाप्त होने के साथ ही प्रशासनिक फेरबदल होगा। जिसके चलते सचिवालय में तैनात आईएएस अधिकारी अच्छा पद पाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं एसी सूचनाएं है। लॉबिंग खबरों के बीच यह बात सामने आ रही है कि आला अधिकारियों के बीच गुटबाजी बढ़ गई है।
सूत्रों के अनुसार सरकार में विराजमान एसीएस अब सीएस बनने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। तथा संघ और भाजपा के आला नेताओं के दरबार में माथा टेक चुके हैं। प्रशासनिक अफसर ईमानदारी और कानून के दायरे में बेहतर काम करने के लिए जाने जाते हैं। इसके बावजूद कई सीनियर अधिकारी उनके खिलाफ षड़यंत्र कर खुद कुर्सी पाना चाह रहे हैं। पैसे के मामलों में ख़राब छवि के अफ़सरों से जयराम दूरी बनाकर रखना चाहते है । वहीं पुराने अफ़सरों के दख़ल बड़े अधिकारी को खटका रहे हैं। सीनियर अधिकारी राजधानी शिमला में महत्वपूर्ण पदों को पाने के साथ जिला में डीसी की कुर्सी पाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। सोलन, मंडी और सिरमौर के उपायुक्त बदलेंगे यह लगभग तय है कि जिन अधिकारियों ने गत तीन वर्षों में बेहतर कार्य नहीं किया है, उनके पख कतरे जाएंगे।
प्रदेश सरकार के तीन वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूर्ण हो गया है, जिसके बल पर सरकार मिशन रिपीट 2022 की तैयारी में जनता के समक्ष जाने की योजना बना रही है। जनता के सामने सरकार को तीन साल का रिपोर्ट कार्ड देना होगा, तभी विकास के दम पर जनता से दोबारा वोट मांगे जा सकते हैं। जिसकी तैयारी के लिए जयराम ठाकुर हर विभाग के द्वारा किए गए विकास कार्य के आंकड़े जुटा रहे हैं। तीन वर्ष पूर्ण होने के दौरान मुख्यमंत्री ने पाया था कि कई विभागों में तैनात अधिकारी के अधीन कार्य नहीं हो रहे हैं या धीमी गति से हो रहे हैं। जिससे मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर नौकरशाही को चेताया था कि हर योजना को समय पर पूरा करें। जो अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। अब सत्र के बाद सरकार नौकरशाही पर नकेल कसेगी या नहीं यह समय बता पाएगा।
सत्र के बाद काम न करने वाले कई विभागों के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी और कई अधिकारियों के तबादले होने निशचित है। तबादलों की इसी उठकपटक के बीच अधिकारी अच्छे पद पाने की लॉबिंग करने में भी जुटे हैं। तो कई जिलों में डीसी की कुर्सी पर बैठने के लिए अपने आकाओं के दरबार में दस्तक दे रहे हैं। देखना यह है कि सरकार में शीघ्र होने वाले प्रशासनिक फेरबदल में कौन किस कुर्सी पर विराजमान होता है। लेकिन यह तय है कि यह फेरबदल अधिकारियों के द्वारा गत तीन वर्षों में किए गए कार्यों के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही होंगे। कहा यह जा रहा है कि तीन वर्षों में भ्रष्टाचार के मामलों में विवादित रहे अधिकारियों और काम न करने वाले अधिकारियों को कम ही तवज्जो मिलेगी।