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गिरफ़्तार किए गए क्रशर मालिकों पर आपदा के दौरान क्यों मेहरबान रही सरकार : Jairam Thakur

By Sandhya Kashyap

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भ्रष्टाचार के जांच की आंच अब सीएम के करीबियों, सीएम ऑफिस से होती हुई सीएम तक पहुंची : Jairam Thakur

शिमला : शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष Jairam Thakur ने मुख्यमंत्री से कई सवाल पूछे हैं और उनसे ईमानदारी से सवालों के जवाब देने का आग्रह किया है। Jairam Thakur ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मुख्यमंत्री के अपने हलके नादौन से दो क्रशर व्यापारियों को गिरफ़्तार किया गया है। गिरफ़्तार किए गए क्रशर व्यापारियों से मुख्यमंत्री के संबंध है? इसके बारे में उन्हें पूरे प्रदेशवासियों को बताना चाहिए।

गिरफ़्तार किए गए क्रशर मालिकों पर आपदा के दौरान क्यों मेहरबान रही सरकार : Jairam Thakur

प्रदेश के लोग इस बारे में जानना चाहते हैं कि उन क्रशर व्यापारियों का मुख्यमंत्री से कोई संबंध है या नहीं। यह मुख्यमंत्री की निजी प्रतिष्ठा से जुड़ा प्रश्न भी है। क्या यह एक संयोग है या प्रयोग कि सरकार के चाहे मंत्री हों या सीपीएस सबके पास क्रशर है और सब पर खनन के ज़रिए भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं।

हम पहले दिन से ही कह रहे हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और इसमें खनन माफिया सरकार के संरक्षण में खूब फल फूल रहा है। जिसे सरकार के करीबियों और मुख्यमंत्री द्वारा हंसी में उड़ाया जा रहा था आज वह सच साबित हुआ। बाकी की बात यह है कि भ्रष्टाचार के जांच की आंच अब सीएम के करीबियों, सीएम ऑफिस से होती हुई सीएम तक पहुंच गई हैं।

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Jairam Thakur ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कल मीडिया को बताया कि नादौन और हमीरपुर से होने का मतलब हर कोई उनका जानने वाला हो, यह ज़रूरी तो नहीं है। लेकिन उनके सत्ता में आने के दो साल के बीच जो घटनाक्रम हुए हैं वह कुछ सवाल पैदा करते हैं, कुछ संदेह पैदा करते हैं जिसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए। पिछली साल आई आपदा के दौरान प्रदेश के ब्यास बेसिन के सारे क्रशर बंद कर दिए गए थे और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी का क्रशर नादौन और हमीरपुर क्षेत्र में दनदनाता हुआ दौड़ रहा था।

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सरकार की इस मेहरबानी से जहां क्रशर व्यापारी ने अरबों रुपए अंदर किए तो वहीं आपदा के समय प्रदेशवासियों को रेता बजरी के लिए तरसना पड़ा। अपना सब कुछ गंवा चुके लोगों को 5 गुना महंगे दामों पर रेता- बजरी जैसी महत्वपूर्ण चीजें खरीदनी पड़ी। सरकार की इस नाकामी या भ्रष्टाचार की वजह से प्रदेश के लोगों को आपदा से मिले जख्म और गहरे हो गए।

सरकार के संरक्षण में हो रहे इस भ्रष्टाचार और आपदा को अवसर में बदलने की सरकारी नीति के खिलाफ मैंने और हमारी पार्टी के नेताओं ने जमकर आवाज उठाई लेकिन सरकार ने हर बार मसखरी करते हुए हमारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, हमारी शिकायतों पर गौर नहीं किया प्रदेश के लोग आपदा और सरकार की इस मिलीभगत में पिसते रहे।

Jairam Thakur ने कहा कि जिस आरोपी को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है उनमें से एक आरोपी मुख्यमंत्री की कार में बैठकर मुख्यमंत्री कार्यालय आया था, ऐसा लोग आरोप लगा रहे थे। क्या यह सच है? मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए।

आरोप यह भी है कि यह वही समय था जब सुक्खू सरकार ने प्रदेश में पुरानी खनन नीति को बदलकर नई खनन नीति लाई थी। उन्होंने घोटाले और भ्रष्टाचार के सारे रास्ते खोले थे। प्रदेश के लोग यह जानना चाहते हैं कि ईडी की गिरफ्त में आया आरोपी मुख्यमंत्री की गाड़ी में घूमना और उनके ऑफिस में भी आना-जाना क्या महज संयोग था या प्रयोग।  

Jairam Thakur ने कहा अगर इत्तेफाक था तो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और यदि कोई साजिश तो इसका जवाब मुख्यमंत्री, सरकार और पूरी कांग्रेस पार्टी को देना पड़ेगा। और मुख्यमंत्री इधर-उधर की बात करके इन सवालों को टालना चाहिए और ना ही इन सवालों से भागना चाहिए। क्योंकि प्रदेश की जनता उनकी तरफ आशा भरी नजरों से देख रही है।