डेस्क: टमाटर ने दामों ने बीते दिनों रेकॉर्ड बनाया। दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों में टमाटर 280 रुपये किलो तक बिका। महाराष्ट्र में भी टमाटर के दामों ने मध्यमवर्गीय परिवार को परेशान कर दिया। अब टमाटर के दाम नीचे आ रहे हैं। नासिक की तीन मंडियों में टमाटर की औसत थोक कीमत में केवल एक दिन में 650 रुपये प्रति टोकरी की गिरावट आई। एक टोकरे में 20 किलोग्राम टमाटर होते हैं और प्रत्येक की कीमत बुधवार के 1,750 रुपये से गिरकर 1,100 रुपये हो गई। मतलब एक ही दिन में टमाटर की कीमतों में 37 पर्सेंट से ज्यादा गिरावट आई है। तीन कृषि उपज बाजार समितियों-पिंपलगांव, नासिक और लासलगांव में टमाटर की कुल दैनिक आवक भी लगभग एक सप्ताह पहले 6,800 बक्से से बढ़कर गुरुवार को 25,000 बक्से हो गई।
महाराष्ट्र की सबसे बड़ी टमाटर मंडी, पिंपलगांव में, दैनिक आवक 1,500 बक्से से बढ़कर 15,000 बक्से हो गई है, जबकि नासिक में, यह 5,000 बक्से से बढ़कर 10,000 बक्से हो गई है। लासलगांव में, आगमन लगभग एक सप्ताह पहले एक दिन में 350 डिब्बों से बढ़कर अब 1,500 डिब्बों तक पहुंच गया है।
400 से ज्यादा गिरी कीमत
पिंपलगांव एपीएमसी के अधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में टमाटर की आवक में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि उनकी मंडी में टमाटर की औसत थोक कीमत बुधवार को 1,750 रुपये प्रति टोकरी से गिरकर गुरुवार को 1,200 रुपये प्रति टोकरी हो गई है। 3 अगस्त को यहां औसत थोक मूल्य 2,400 रुपये प्रति टोकरी दर्ज किया गया था।
1000 से नीचे आएगी कीमत
अधिकारियों ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में पिंपलगांव में टमाटर की दैनिक आवक बढ़कर 25,000 हो जाएगी। औसत थोक टमाटर की कीमतें भी जल्द ही 1,000 रुपये प्रति टोकरी से नीचे आने की उम्मीद है।’
नई फसल ने गिराई कीमतें
नासिक एपीएमसी के सचिव अरुण काले ने बताया कि नासिक मंडी में टमाटर की औसत थोक कीमत 1,800 रुपये प्रति टोकरी से घटकर 1,000 रुपये प्रति टोकरी हो गई है। उन्होंने कहा, ‘नई फसल का आगमन बढ़ रहा है। यही थोक कीमतों में गिरावट का कारण है।’
एक-दो हफ्ते में गिरेंगी भारी कीमतें
एक व्यापारी शरद देशमुख ने कहा कि जिले के चांदवाड़, निफड़, डिंडोरी, सिन्नार और अन्य तालुकों में टमाटर की नई फसलों की कटाई में तेजी आई है। इसके अलावा, पिछले कुछ दिन अपेक्षाकृत सूखे रहे हैं। देशमुख ने कहा, ‘अगले कुछ हफ्तों में टमाटर की नई फसलों की आवक बढ़ेगी और एक या दो हफ्तों में औसत थोक मूल्य 700 रुपये प्रति टोकरी तक गिर सकता है।’