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इतिहास में पहली बार चालदा महासू महाराज पधारेंगे सिरमौर, पश्मी गांव में होंगे विराजमान, कार्यक्रम को लेकर महाखुमली का आयोजन

By Sandhya Kashyap

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शिलाई (कंवर ठाकुर) : जम्मू कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में मूल पवसी, मूल बशिक, मूल बोठा व मूल चालदा चार भाई महासू न्याय के देवता माने जाते हैं तथा चार भाई महासू महाराज को लोग ईष्ट व कुल देवता के रूप में पूजन करते हैं। सदाशिव चालदा महासू महाराज मुल्क मालिक माने जाते हैं। यही हमेशा उत्तराखंड की कई खातों और जिला शिमला के कुछ गांव में भ्रमण पर रहते हैं, जहां चालदा महासू महाराज भ्रमण पर जाते हैं। वहां के क्षेत्र में खुशहाली और धनधान्य की हमेशा बरसात होती है। इतिहास में पहली बार जिला सिरमौर का भाग्य भी उदय होने वाला है।

इतिहास में पहली बार चालदा महासू महाराज पधारेंगे सिरमौर, पश्मी गांव में होंगे विराजमान, कार्यक्रम को लेकर महाखुमली का आयोजन

विधानसभा शिलाई में 2025 को चालदा महासू महाराज ने सिरमौर दौरे की इच्छा जताई है, जिसका सौभाग्य पश्मी गांव को प्राप्त हुआ है। इस सौभाग्यपूर्ण पल को खूबसूरत बनाने के लिए पश्मी में चालदा महासू महाराज के नए मंदिर व मंदिर परिसर का भव्य निर्माण किया जा रहा है।बसन्त पंचमी के पावन अवसर पर पश्मी गांव में नए सदाशिव चालदा महासू महाराज के मंदिर निर्माण की नींव रखी गई है, जिसमे बिशेष तौर पर चार भाई महासू के बजीर दीवान सिंह के सुपुत्र अभिषेक राणा व चालदा महासू महाराज के माली मुन्ना बिजल्वाण उपस्थित रहे।सुबह 6 बजे के शुभ साया में मंदिर की नींव रखी गई। पंडितों द्वारा मंत्र उच्चारण, बजंतरियों द्वारा ढोल नगाड़े के साथ महासू महाराज की पूजन पद्ति तथा अभिषेक राणा के हाथों मंदिर के चार कोनों में अन्न से भरे ताम्र कलश को विधिवत रूप स्थापित किया गए। जहाँ आने वाले समय में भव्य मन्दिर बन कर तैयार होगा।

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मुल्क मालिक चालदा महासू महाराज जब भी किसी क्षेत्र में प्रवास पर जाते हैं तो उनके काफिले में असंख्य श्रद्धालु साथ चलते हैं, जो अपने आप मे एक अद्भुत नजारा होता है।2025 में चालदा मासूम के पश्मी आगमन के लिए इन्दाऊ खश ने क्षेत्र के हर गांव में जाकर आमंत्रण दिया है। बसन्त पंचमी के उपलक्ष्य पर रखी गई चालदा महासू के भव्य मंदिर निर्माण की नींव के साथ साथ महाखुमली का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शिलाई क्षेत्र के प्रत्येक गांव से लोग पश्मी पहुँचे, जहां क्षेत्र से पधारे हजारों लोगों का मालाओं व ढोल नगाड़े से भव्य स्वागत किया।इस उपलक्ष्य पर चालदा महाराज के भव्य और दिव्य आगमन के विषय पर समस्त पश्मी वासियों ने क्षेत्र से पहुँचे गांव के सियाणे, नम्बरदार, जेलदार व बुद्धिजीवियों से मार्गदर्शन करने और सहयोग देने पर चर्चा हुई। जिसपर क्षेत्र से पहुँचे सभी महानुभाव ने ग्राम पश्मी वासियों  की अपार भक्ति  को नमन करते हुए कहा कि पश्मी की बजह से क्षेत्र के सभी लोगो को महासू महाराज के दर्शन करने का सौभाग्य मिल पाएगा। 

इस महाखुमली में हर जगह से पहुँचे वरिष्ठ लोगों ने खुले मंच से कहा कि यह कार्यक्रम अब पश्मी वालो का नही है, अपितु पूरे सिरमौर में चालदा महाराज की मेहमानबाजी का दायित्व अब हर गांव और हर व्यक्ति का है, जिस के लिए पश्मी के लोगो द्वारा किए गए इस ऐतिहासिक प्रयास को सफल बनाने का दायत्व समस्त सिरमौर, खासतौर पर शिलाई क्षेत्र के लोगो को अहम रोल निभाने होगा।

इस महाखुमली में अंजभोज, मस्त भोज, जेलभोज, डाहर, बनोगे खत, लाधि क्षेत्र सहित लगभग सैंकड़ो गांव के जानेमाने व्यक्तित्व ने हिस्सा लिया और इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपनी राय दी तथा पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

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गौर हो कि  श्री मूल महाशिव छतरधारी चाल्दा महाराज का इतिहास में पहली बार जिला सिरमौर मे आगमन होगा, 14 मार्च 2022 को श्री मूल महाशिव बाशिक महाराज के स्थान मेंद्रथ मे शांठीबील के बजीर दीवान सिंह राणा, बावर जोंसर के चार सदर सयानो, व सिरमौर के शिलाई क्षेत्र के लोगों की मौजूदगी में आयोजित सभा मे फैसला लिया गया था कि 2025 को श्री मूल महाशिव छतरधारी चाल्दा महाराज शिलाई के लिए प्रस्थान करेंगे तथा एक वर्ष तक पश्मी गांव मे विराजमान रहेंगे।

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