नैनिका ठाकुर, हरिपुरधार / सिरमौर:
सीएचसी हरिपुरधार क्षेत्र के हजारों लोगों के लिए मजाक बनकर रह गई है। सीएचसी में लाए जाने वाले कई मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे है मगर सरकार व स्वास्थ्य विभाग के कान पर जूं तक नही रेग रही। ऐसा ही मजाक शनिवार रात को घुरत निवासी लायक राम शर्मा के साथ हुआ है। रात को लायक राम की अचानक तबियत बिगड़ गईं। उनके रिश्तेदार उन्हें रात करीब डेढ़ बजे जब आपात स्थिति में इलाज के लिए सीएचसी हरिपुरधार लाए तो सीएचसी में ताला लटका हुआ था। जब डॉक्टरों के बारे में पूछा गया तो पता चला कि सीएचसी में पिछले 5 दिनों से डॉक्टर ही नही है। रिश्तेदारों ने 108 नंबर पर डायल करके मरीज को आगे ले जाने के लिए एम्बुलेंस की सहायता मांगी मगर एम्बुलेंस के पायलट ने राजगढ़ जाने से साफ इंकार कर दिया। रिश्तेदारों को मजबूरन भारी भाड़ा देकर टैक्सी लेनी पड़ी और मरीज को टेक्सी से सोलन ले गए। सीएचसी में इलाज तो दूर मरीज को प्राथमिक उपचार तक नसीब नहीं हुआ। पिछले 5 दिनों से डॉक्टर न होने के कारण इलाज के अभाव में 4 दिन पहले एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। तीन दिन पहले ही दो अलग अलग दुर्घटनाओं में घायल दो मरीजो को सीएचसी हरिपुरधार लाया गया था। सीएचसी में इन दोनों मरीजो को प्राथमिक उपचार तक नसीब नही हुआ। इलाज के लिए दोनों मरीजो को संगड़ाह भेजा गया। ज्ञात रहे पिछले ढाई महीने के भीतर इलाज के अभाव में क्षेत्र के तीन मरीज दम तोड़ चुके है
नेताओ को नही जनता का फिक्र
डॉक्टरो के अलावा सीएचसी में अन्य स्टाफ की भारी कमी के चलते क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई है क्षेत्र के नेताओ को जनता की कोई फिक्र नही है। लोगो का आरोप है कि क्षेत्र के नेता जनता की आवाज सरकार तक पहुचने के लिए कोई भी प्रयास नही कर रहे है। नेता लोग अपनी ठेकेदारी करने में ही व्यस्त है। इसके अलावा कर्मचारियों को इधर से उधर करके नेता इसे सबसे बड़ा परोपकार मानते है।
बीएमओ से रिपोर्ट मांगेंगे
सीएमओ नाहन डॉक्टर केके पराशर से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि वह इस बारे बीएमओ संगड़ाह से जानकारी हासिल करने के प्रयास कर रह रहे हैं मगर उनसे संपर्क नही हो पा रहा है। वह बीएमओ से इसकी पूरी रिपोर्ट मांगेंगे।