हिमाचल प्रदेश के सबसे अशुभ मुख्यमंत्री साबित हुए सुक्खू
हिमाचल में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा उपचुनाव की घोषणा होते ही 6 बागियों और तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार पर नया हमला किया है। एक संयुक्त बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आए दिन उन पर जो आरोप लगा रहे हैं, वे उन्हें अदालत में साबित करने होंगे। सभी 9 नेता उनके खिलाफ अब मानहानि का दावा करने जा रहे हैं।
हिमाचल के इन नेताओं राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो, चैतन्य शर्मा, होशियार सिंह, आशीष शर्मा और केएल ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में बहुमत खोकर सीएम बौखला गए हैं और उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि सत्ता के हाथ से जाते ही उनकी सरकार द्वारा जनता से की गई दगाबाजी और उनके मित्रों द्वारा किए गए काले कारनामे भी सामने आ जाएंगे।
हिमाचल के बागियों समेत निर्दलीयों ने तंज करते हुए कहा कि अब तो प्रदेश का बच्चा-बच्चा यह जान गया है कि मुख्यमंत्री सुक्खू के कारनामे उनके नाम के विपरीत हैं। इन नेताओं ने कहा कि सुक्खू हिमाचल प्रदेश के सबसे अशुभ मुख्यमंत्री साबित हुए हैं, जिन्होंने सत्ता में आते ही युवाओं के लिए नौकरियों के दरवाजे बंद कर दिए, कांग्रेस के घोषणा पत्र को कूड़ेदान में फेंक दिया, जिनके कार्यकाल में एक तरफ आपदा आई, तो दूसरी और खजाना खाली हो गया।
हिमाचल के इन नेताओं ने तंज करते हुए कहा कि जब मित्रों पर ही खजाना लुटाया जा रहा हो, तो फिर वह खाली होना ही था। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपने मित्रों को लूट की खुली छूट दे रखी है और उनके मित्र खुलेआम लोगों से उगाही भी कर रहे हैं और करोड़ों की संपत्तियां भी खरीद रहे हैं।
हिमाचल के बागियों समेत निर्दलीयों ने कहा कि मुख्यमंत्री हम पर बिकाऊ होने का आरोप लगा रहे हैं लेकिन खुद उन्हें जनता को यह बताना होगा कि पिछले 14 महीनो से वह इन नौ विधायकों को लगातार जलील क्यों कर रहे थे और क्यों उनके विधानसभा क्षेत्र के काम रोक दिए गए थे। उन्होने कहा कि वे जल्द ही सारे तथ्य प्रदेश की जनता के सामने रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के छह बागी विधायकों की सदस्यता खत्म कर दी गई थी । विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में वोट डालने के पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के मामले में कांग्रेस के छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था ।
विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि बागी विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया है। इसलिए उन्हें विधानसभा से अयोग्य घोषित किया जाता है। कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने वाले छह विधायकों ने दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के 6 बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य करार घोषित करने के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बागी विधायकों का मानना है विधानसभा स्पीकर का फैसला असंवैधानिक है। इन सभी विधायकों ने हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोटिंग की थी जिसके बाद इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में विधायक चैतन्य शर्मा ने अयोग्य करार दिए गए विधायकों की ओर से याचिका दाखिल की है। कांग्रेस के सभी 6 बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। विधानसभा अध्यक्ष के अयोग्य करार देने के फैसले को रद्द करने की मांग की है।
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